2022 311 देखे जाने के साथ ड्रोन खतरे का वर्ष था

भारत
ओइ-विक्की नानजप्पा

नई दिल्ली, 27 दिसंबर:
भारत में ड्रोन देखे जाने की संख्या बढ़ी है और इस साल 31 दिसंबर तक मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के ऐसे 311 अवलोकन हुए हैं।
साल 2021 में भारत-पाकिस्तान सीमा पर कुल मिलाकर 104 बार देखा गया था।

3,323 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि ड्रोन देखे जाने की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। ड्रोन का इस्तेमाल भारत में हथियारों और गोला-बारूद के साथ-साथ ड्रग्स की तस्करी के लिए किया जा रहा है।
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ड्रोन खतरा सबसे पहले पंजाब में शुरू हुआ जहां यह पाया गया कि पाकिस्तान के आईएसआई ने पंजाब में हथियार और गोला-बारूद गिराने के लिए यूएवी का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा ड्रोन में बड़ी मात्रा में नशीला पदार्थ भी पाया गया। यह पता चला था कि इसे जम्मू-कश्मीर ले जाया जाना था ताकि आतंकियों को हथियार मुहैया कराया जा सके और साथ ही आतंकवाद को फंड किया जा सके।
बीएसएफ ने कहा कि इस साल उसने ऐसे 22 ड्रोन को मार गिराया और सात ग्रेनेड, 60 राउंड गोला बारूद और दो मैगजीन के अलावा करीब 45 किलोग्राम हेरोइन जब्त की।
1 जनवरी 2020 और 23 दिसंबर 2022 के बीच भारत-पाकिस्तान सीमा पर देखे गए कुल 492 यूएवी या ड्रोन में से अकेले इस साल 311 देखे गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि वर्ष 2021 में, यह 104 थी जबकि 2020 में देखे जाने की संख्या 77 थी।
सबसे ज्यादा पंजाब में देखे गए। अमृतसर से 164 ऐसे देखे जाने की सूचना मिली थी। गुरदासपुर में 96, फिरोजपुर में 84 और अबोहर जिले में 25। जम्मू में ड्रोन देखे जाने की संख्या 35 थी, जबकि इंद्रेश्वर नगर, सुंदरबनी में यह संख्या 29 और 11 थी। राजस्थान में, आंकड़ों से पता चलता है कि ड्रोन देखे जाने की संख्या गंगानगर में 32, बाड़मेर में 7, बीकानेर में 3 और प्रत्येक में 3 थी। जैसलमेर उत्तर में दो, जैसलमेर दक्षिण में दो और भुज में एक।
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इस साल 1 जुलाई से 23 दिसंबर के बीच कुल 206 ड्रोन देखे गए। अगस्त में अधिकतम 45, सितंबर में 44, अक्टूबर में 38, नवंबर में 36 और दिसंबर में 24 मामले देखे गए। सबसे कम देखे जाने की संख्या जुलाई में थी और यह संख्या 19 थी।
अक्टूबर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में ड्रोन खतरे को उठाया गया था। समझा जाता है कि गृह मंत्रालय ने सभी एजेंसियों को इस ड्रोन खतरे का समाधान खोजने का निर्देश दिया है। जबकि एजेंसियों को पहली बार में यह मुश्किल लगा, वे इस साल बहुत सारे ड्रोनों को पीछे हटाने में सफल रहे हैं।
ड्रोन का इस्तेमाल हथियार, विस्फोटक और ड्रग्स गिराने के लिए किया गया है। आईएसआई द्वारा अधिकांश ड्रोन संचालन लश्कर-ए-तैयबा को सौंपा गया है।
कहानी पहली बार प्रकाशित: मंगलवार, 27 दिसंबर, 2022, 9:24 [IST]