पुरी के जगन्नाथ मंदिर में अवैध उत्खनन निर्माण का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज

भारत
ओई-माधुरी अदनाली


नई दिल्ली, 3 जून : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पुरी के प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में ओडिशा सरकार द्वारा अवैध उत्खनन और निर्माण कार्य का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अवकाशकालीन पीठ ने जनहित याचिका को लागत के साथ खारिज कर दिया और कहा कि व्यापक जनहित में निर्माण गतिविधि आवश्यक है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जनहित में होने के अलावा जनहित याचिका (पीआईएल) जनहित के लिए हानिकारक है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हाल के दिनों में जनहित याचिकाओं में तेजी से वृद्धि हुई है।
इसने तुच्छ जनहित याचिका दायर करने की प्रथा की निंदा की और कहा कि यह कानून का दुरुपयोग है।
शीर्ष अदालत मंदिर में ओडिशा सरकार द्वारा अवैध उत्खनन और निर्माण कार्य का आरोप लगाने वाली अर्धेंदु कुमार दास और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका के अनुसार, राज्य की एजेंसियां प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 की धारा 20 ए के घोर उल्लंघन में काम कर रही हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ओडिशा सरकार अनधिकृत निर्माण कार्य कर रही है। यह प्राचीन मंदिर की संरचना के लिए एक गंभीर खतरा है, यह प्रस्तुत किया था।
पहली बार प्रकाशित हुई कहानी: शुक्रवार, 3 जून 2022, 12:11 [IST]