पीएम मोदी पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेताओं के साथ खुले दिल से बातचीत करते हैं

भारत
ओइ-प्रकाश केएल


बच्चों ने अपने सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्गदर्शन मांगा।
नई दिल्ली, 24 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने कार्यालय, 7 लोक कल्याण मार्ग पर अपने आवास पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की।
पीएम ने उनकी उपलब्धियों पर वन-टू-वन आधार पर चर्चा की, जिसके बाद पूरे समूह के साथ बातचीत की गई। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने अनौपचारिक माहौल में खुले दिल से बातचीत की, जहां बच्चों ने उनसे उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में कई सवाल पूछे और विभिन्न विषयों पर उनका मार्गदर्शन मांगा।
प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को सुझाव दिया कि वे जीवन में आगे बढ़ते हुए छोटी समस्याओं को हल करके शुरुआत करें, धीरे-धीरे क्षमता का निर्माण करें, क्षमता बढ़ाएं और बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए आत्मविश्वास विकसित करें। मानसिक स्वास्थ्य और बच्चों के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने इस मुद्दे के कलंक को दूर करने और ऐसे मुद्दों से निपटने में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की।
बयान में दावा किया गया, “बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कई अन्य विषयों पर भी बात की, जिनमें शतरंज खेलने के फायदे, कला और संस्कृति को करियर के रूप में लेना, अनुसंधान और नवाचार, आध्यात्मिकता आदि शामिल हैं।”
भारत सरकार छह श्रेणियों नामत: नवोन्मेष, समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला एवं संस्कृति और वीरता में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान करती रही है।
प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस वर्ष बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर से 11 बच्चों को पीएमआरबीपी-2023 के लिए चुना गया है। 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुरस्कार विजेताओं में 6 लड़के और 5 लड़कियां शामिल हैं, जिनके नाम हैं: आदित्य सुरेश, एम. गौरवी रेड्डी, श्रेया भट्टाचार्जी, संभव मिश्रा, रोहन रामचंद्र बहिर, आदित्य प्रताप सिंह चौहान, ऋषि शिव प्रसन्ना, अनुष्का जॉली, हनाया निसार, कोलागाटला अलाना मीनाक्षी और शौर्यजीत रंजीतकुमार खैरे।
कहानी पहली बार प्रकाशित: मंगलवार, 24 जनवरी, 2023, 20:12 [IST]